सोमवार, दिसंबर 19, 2016

अभिषेक शुक्ल .....














      एक लेखक जैसे पारस ! जिसे पढ़कर पाठक बन जाए सोना ! सचमुच ये तारीफ़ नहीं ...आज की नस्ल में ,ये हुनर ख़ुदा सबको नहीं बक्श्ता ! मेरा  प्रिय अनुज :) शुभकामनाएँ !!!

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