सोमवार, अक्तूबर 03, 2016

मन सावन ....

 _____________
मन ..... सावन -सावन !
गंगाजल .......... पावन !

बुझी ..... दग्ध ,
हृदय की ......ज्वाला !
जब ......मैंने ,
गंगा -जल ....पी डाला !
____________ डॉ .प्रतिभा स्वाति 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...