गुरुवार, जून 30, 2016

ज़ुर्म मुसलसल करती हूँ। ..


ग़र  ये  ज़ुर्म  है  तो  ,
मुसलसल  करती  हूँ  !
ज़ायदाद   ज़मीर  की  ,
तुझे बेदखल  करती  हूँ!
 ______________डॉ . प्रतिभा  स्वाति 



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