बुधवार, जून 01, 2016

राम मौन हो गए ....

 ______________________________________________________________







_____________________________________________________

              पाठक को आज सबकुछ हासिल है , बड़ी सहजता से  google पर . वह फ़ेसबुक पर आता दोस्त बनाने, ...................और बन जाता है " writer " :) 
यहाँ असली writer को बड़ा खतरा है . रचना चोरी होने का खतरा ! लेकिन पहुँचने के बाद वह वहां बना लेता है दोस्त
___________________ तभी blog से थककर लेखक खोजता है पाठक !  blog पर सभी writer हैं :) वे आपस में अपना दायित्व निभाते हैं , मेलजोल रखते हैं ! पर  वे महज पाठक नहीं हैं !
__________ इस पूरी रामायण से थककर सीताजी ने पूछा - प्रभु ! फ़िर '  असली पाठक , लेखक, दोस्त" कौन हैं ? इसपर श्रीराम  मौन हो गए !
__________________ व्यंग्य : डॉ . प्रतिभा स्वाति





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...