सोमवार, जुलाई 14, 2014

चित्र कहते हैं...

   
----------   जब इस चित्र को देखा , इसके पीछे छुपे तमाम चेहरे साफ नज़र आए ! देश की गरीबी ,पिसता हुआ किसान , विवश मजदूर ,बिलखते भूखे बच्चे ,असहाय माँ........ और न जाने क्या -क्या .....जो अब तक ,मन को जब -तब मथ के रख देता है ! और  तब उस इन्द्रधनुष को देखकर भी ....मन नहीं बुनता कोई गीत ...कोई ख़्वाब .... कोई .... !!!
---------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति

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