रविवार, मार्च 23, 2014

नहीँ लिखती / 2

  कह  देती हूँ / बात तेरी ,
ख़ुद की हालत /  नहीं लिखती !
सच के ख़ुलासे / झूठ की ,
वक़ालत / नहीं लिखती !
------------------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाती

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...